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पंचायती राज व्यवस्था -
- भारतीय संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का प्रावधान है-भाग-3 में
- नगर पालिका की व्यवस्था -भाग -9 (क) में है।
- संविधान में भाग-4 में ग्राम पंचायतों की स्थापना की बात कही गयी है।
- संविधान की ग्यारवी अनुसूची पंचायतों के कार्यक्रम से संम्बधित है।
- पंचायती राज प्रणाली -सत्ता विकेंन्द्रीय करण शिद्धांत पर आधारित है।
- 73 वां संविधान संसोधन -पंचायती राज अधिनियम से है।
- भारत के किसके अन्तगर्त पंचायती राज प्रणाली की व्यवस्था की गयी है-नीति निर्देशन शिद्धांत ।
- 73 वे संविधान संसोधन द्वारा संविधान में ग्यारवी अनुसूची जोडी गयी।
- 73 वे संविधान संसोधन के 11 वी अनुसूची में पंचायती राज संस्थाओं को 29 कार्य सौपे गये है।
- 73 वे संविधान संसोधन में पंचायती राज संस्थाओं में अध्यक्ष के कम से कम कितने पद महिलाओ के लिए आरक्षित किए गए है-1/3 पोस्ट।
- 73 वे संविधान संसोधन में पंचायती राज संस्थाओं के लिए किस तरह के चुनाव को प्रावधान किया गया है-प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान ।
- पंचायती राज्य संस्थाओं के निर्वाचन के लिए उत्तरदायी है-राज्य निर्वाचन आयोग।
- 73 वा संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ-24 अप्रेल 1993 ।
- पंचायत चुनाव कराने हेतु निर्णय -राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है।
- भारत में पंचायती राज प्रारंभ हुआ 2 अक्टूबर 1959 राजस्थान के नागौर जिले से ।त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था -राजस्तान और आन्ध्रप्रदेश में सर्वप्रथम अपनाया गया।
- भारत सरकार द्वारा सामुदायिक विकास योजना की शुरूआत -2 अक्टूबर 1952 में हुई थी।
- सामुदायिक विकास योजना का असफल का कारण -अशिक्षा -शिक्षा का अभाव था।
- पंचायती राज की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रतिवेदन -बलवन्त राय मेहता समिती द्वारा दिया गया।
- लोकतांत्रिक विक्रेन्द्रीयकरण का सुझाव -बलवन्त राय मेहता समिती ने दिया था।
- बलवन्त राय मेहता समिती ने किसको अधिक शक्तिशाली बनाने का सुझाव दिया-पंचायत समिती को।
- पंचायती राज का दो स्तर पर सुझाव दिया था-अशाक मेहता समिती ने।
- बलवंन्त राय मेंहता समिती के अनुसंसाओ के आधार पर किस वर्ष पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया-1958 को।
- अशोक मेहता समिती द्वारा दो स्तरीय -1-मंण्डलीय पंचायत ,2-जिला परिषद्
- पंचायती राज से सम्बन्धित समितिया-
- बलवंत राय मेहता समिती
- अशाक मेहता समिती
- जी0 बी0 के0 राव समिती
- एल एम संघवी समिती
उत्तराखंड का इतिहास
- 1937 में गांधी आश्रम की स्थापना -शांतिलाल त्रिवेदी ने की थी चनौदा सोमेश्वर में।
- 1932 में राज्य के किस महिला आन्दोलनकारी को जिन्दा या मुर्दा पकड़ने का आदेश जारी किया गया-कुन्ती वर्मा।
- राज्य की भाषा में प्रकाशित होने वाल पहला अखबार था-अल्मोड़ा अखबार 1971-1918 में प्रकाशित हुआ था।
- गढ़वाली भाषा का गढ़वाली अखबार -1905 में प्रकाशित हुआ। विसम्बर दत्त चंदोला के द्वारा ।
- मार्च 1918 के बाद अल्मोड़ा अखबार बंद हो जाने के बाद सम्पादक बद्री दत्त पाण्डे ने सितम्बर 1918 से शक्ति नामक साप्ताहिक निकाला।
- भक्ति दर्शन और भैरव दत्त के सम्पादकत्व में 1939 में लैंन्सडाउन पौढ़ी से किस पत्र का प्रकाशन हुआ -कर्मभूमि का।
- 1941 में देहरादून से शुरू हुआ था -युगवाणी।
- कुली बेगार प्रथा का अन्त हुआ -13 -14 जनवरी 1921 को।
- टिहरी राज्य आन्दोलन ने मांग की थी-प्रजातंत्रात्मक शासन की ।
- टिहरी राज्य आन्दोलन के द्वौरान प्रजामंण्डल की स्थापना की गयी-1939 में
- टिहरी का भारत में विलय हुआ-1949 में।
- टिहरी को उत्तरप्रदेश का एक जिला बनाया गया-1 अगस्त 1949 कों
- मानवेन्द्र शाह ने 1949 में विलीनिकरण प्रपत्र में हस्ताक्षर कर दिया 1 अगस्त 1949 को टिहरी संयुक्त प्रान्त का एक जिला बन गया।
- डोला पालिकी आन्दोलन -शिल्पकारों (और दलितो के लिए था।)
- कनकटा बैल आन्दोलन था-भ्रष्टाचार के खिलाफ।
- कोटाखर्रा आन्दोलन -भूमिहीनो को भूमि वितरण करना था।
- कुमाउ विश्वविद्यालय और गढवाल विश्वविद्यालय की स्थापना-1973 में हुई थी।
- उत्तरखंण्ड प्रथक राज्य की मांग सर्वप्रथम-1938 में उठाई गयी थी।
- 1911 में दलितो के लिए शिल्पकार शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग -हरिप्रसाद टम्टा ने किया था।
- 1938 में देवसुमन ने पृथक राज्य की मांग को लेकर गठित की -गणदेश सेवा संघ (हिमालय सेवा संघ की स्थापना की थी।)
- प्रथक राज्य हेतु उत्तराखंण्ड युवा परिषद् का गठन -1976 मे ंहुआ था।
- भाजपा के शोबन सिंह जीना की अध्यक्षता में उत्तराचल उत्थान परिषद् की स्थापना -1988 में हुई थी।
- उत्तरांचल संयुक्त संघर्ष समिती का गठन - 1989 में हुआ था।
- प्रथक उत्तरखंण्ड राज्य को सर्वप्रथम किस राष्ट्रीय पार्टी ने अपनी घोषणा पत्र में शामिल किया-भाजपा ने।
- 1993 में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राज्य की संरचना और राजधानी पर विचार करने के लिए गठित की थी-कौशिक समिती।
- 1994 में कौशिक समिती ने अपनी रिपोर्ट में कहा राजधानी बनाने की सिफरिश की -गैरसैण में।
- 1 सितम्बर 1994 को खटीमा गाली काण्ड हुआ था जिसे उत्तरखंण्ड के इतिहास में काला दिवस के रूप में जाना जाता है।
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