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प्राचीन भारत का इतिहास पार्ट -2
- हडप्पा सभ्यता का प्रशासन दो राजधानी नगरो -हडप्पा व मोहनजोदड़ो से संचालित होता था।
- सिन्धु प्रदेश के लोगो के शासन को किसने (मध्यवर्गीय जनतंत्रात्मक शासन) कहा -मार्टिन विहीलर ने कहा था।
- हडप्पा ओर मोहनजोदड़ो की तुलना अरब शासको की दो राजधानी नगरो ‘‘मुल्तान व मसूरा ’’से किसने की -मार्टिन विहीलर ने की थी।
- भारत में वास्तुकला का आरम्भ सिन्धु वासियो ने किया था। वास्तुकला भवनो के निर्माण की एक कला है।
- सिन्धु सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी।
सिन्धु सभ्यता के वास्तुकला के उदा0 है-
- पुरोहित आवास, विशाल जलाश्य, अन्नागार, बृहत स्नानागार , गोदिबाडा बंदरगाह, सभा भवन।
- बृहद स्नानागार -यह मोहन जोदड़ो का प्रसिद्ध स्मारक है। इसका निमार्ण दुर्ग क्षेत्र में हुआ है और यह ईटों से निर्मित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह सिन्धु सभ्यता की सबसे बड़ी ईमारत है।
- भारत में चित्रकला का आरम्भ -पाषाण काल में हो गया था।
- सिन्धु कालीन चित्रकला का नमूने मृदभाण्डो ,मुहरो आदि पर मिलते है।
- सिन्धु कालीन में चित्रित एवं सादे दानो प्रकार के मृदभांण्ड मिलते है।
- चित्रों में ज्यामितीय आकृतियो, वनस्पतियों , पशु-पक्षियो , मानव आकृति को स्थान दिया गया है।
- ज्यामति आकृति में प्रमुख है -त्रिभुज , वर्ग , वृत्त आदि है।
- गोदीबाड़ा बंदरगाह-लोथल में पक्की ईटो से बना एक निर्माण मिला है।
- विशाल जलाशय -धौलावीरा से कई जलाशय प्राप्त हुए है , धौलावीरा के निवासी जल-संचय प्रणाली से प्ररिचित थे।
- मुर्तिकला का आरम्भ सिन्धु वासियो ने किया ।
सिन्धु सभ्यता में मुर्तिकला के तीन प्रकार मिलते है-
- धातु मूर्ती , प्रस्तर मुर्ति , मृण मुर्ति ।
- प्रस्तर मुर्ती बैठी या खडी मुद्रा में मिली है ये प्रायः शेलखडी की बनी होती थी।
- मोहनजोदड़ो से 12 प्रस्तर मुर्तिया मिली है, जिसमें (पुरूष की प्रस्तर की मुर्ती) यह ‘‘चूना पत्थर ’’से बनी है, दूसरी मुर्ती (पुरूष की प्रस्तर की मुर्ती) जो ‘‘अलवेस्टर ’’ से बनी है।
- मोहन जोदडो से प्राप्त धातु मुतिर्या- नृत्य मुद्रा वाली स्त्री की कांस्य मुर्ती, नारी की कास्य मुर्ती , भैसा की कास्य मुर्ती, भेड़ा की कास्य मुर्ती ,इन सभी में नृत्य मुद्रा वाली स्त्री की कास्य मुर्ती को सिन्धु कला का अद्वितीय नमुना माना जाता है।
- चन्हुदडो से प्राप्त धातु मुर्तिया-बैलगाड़ी की धातु मुर्तिया , इक्का गाड़ी की धातु की मुर्ति ।
- मृण मुर्ती-पकी मिट्टी की मूर्तियो को मृण मूर्ति कहते है।
- राजस्थान और गुजरात को छोडकर यह मृण मुर्तिया सभी जगह पाई गई।
- मृण मूर्तियो का विषय -नर -नारी और पशु -पक्षि था।
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