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प्राचीन भारत का इतिहास
1.
हडप्पा सभ्यता का
सर्वाधिक मान्यता प्राप्त काल है-2500 ई0-1750 ई0 तक माना जाता है।
2.
सिन्धु सभ्यता का विस्तार
-पंजाब ,राजस्थान ,गुजरात ,उत्तर प्रदेश , हरियाणा ,सिंध और बलुचिस्तान तक था।
3.
हडप्पा सभ्यता कास्य युग
की थी।
4.
हडप्पा काल मे मुद्रा के
निर्माण में कौन से पदार्थ का प्रयोग किया जाता था-सेलखडी का प्रयोग किया जाता था।
5.
सिधु घाटी स्थल कालीबंगन-राजस्थान
में था ,यहा हल से जुते हुए खेत के साक्ष्य मिलते है।
6.
हडप्पा सभ्यता के निवासी शहरी होते थे।
7.
सिंधु सभ्यता के लोगो के
घर ईट से बने होते थे।
8.
हडप्पा वासी ने सर्वप्रथम
कपास का उत्पादन किया था।
9.
हडप्पा सभ्यता का
सर्वप्रथम खोजकर्ता -दयाराम साहनी थे (1921 ) में।
10.
सिन्धुघाटी के लोग माप
तौल से परिचित थे-यह खोज हुई थी लोथल में, सिंधु घाटी का पत्तननगर (बंदरगाह) लोथल
था,लोथल भोगवा नदी के तट पर स्थित है।
11.
लोथल में युगल शवाधान का साक्ष्य मिला था , लोथल यह स्थल गुजरात में स्थित है।
12.
‘‘सिंधु का नखलिस्तान
बाग’’ हडप्पा सभ्यता के किस पुरास्थल को कहा जाता है-मोहन जोदडो को।
13.
हडप्पा सभ्यता के
सम्पूर्ण क्षेत्र का आकार था-त्रिभुजाकार है।
14.
सैधव सभ्यता की ईटो का
अलंकरण -कालीबंगा (राजस्थान से मिला है।)
15.
मोहन जोदडो -पंजाब में
स्थित है , सिन्धु सभ्यता का वृहत स्नानागार मोहनजोदडो में पाया गया था, मोहन
जोदडो को (मृतको का टिला) के नाम से भी जाना जाता है , मोहन जोदडो की खोज राखल दास
बनर्जी ने की थी सन् 1922 ई0 में की थी।
16.
हडप्पा सभ्यता का प्रचलित नाम ‘‘सिन्धु घाटी सभ्यता ’’ है।
17.
भारत में खोजा गया सबसे
पहले और पुराना शहर था ‘‘ हडप्पा ’’।
18.
चादी की उपलब्धता के
प्राचीनतम साक्ष्य भारत मिलते है-हडप्पा मे।
19.
प्राचीन इतिहास में कौन
सी लिपी दाई से बाई लिखी जाती थी-खरोष्टी लिपी।
20.
सिन्धु सभ्यता का काल
निर्धारण बहुत हद तक ‘‘ कार्बन तिथि निर्धारण पद्धति ’’ पर ही आधारित है।
21.
अब तक सिन्धु सभ्यता के
लगभग 1500 स्थलो का पता लग चुका है-जो तीन देशो में फैले है-हिन्दुस्तान ,
पाकिस्तान , अफगानिस्तान ।
22.
सिन्धु सभ्यता मे जल
निकासी के लिए फन्नीदार ईट का प्रयोग होता था।
23.
एक मात्र कालीबंगा के
फर्श पर -अलंकृत ईट का प्रयोग हुआ है।
24.
एल प्रकार की ईट का
प्रयोग भी प्रयोग हुआ करता करता था -ये मकान के बाहरी व मल निकासी वाले स्थानो पर
लगाये जाते थे।
25.
कच्ची ईट का प्रयोग
-रक्षा दीवार , चबूतरा व सड़क बनाने में किया जाता है।
26.
पक्की ईटो का प्रयोग
-विशाल भावनो के निर्माण में किया जाता था।
27.
सामान्यतः रक्षा की दीवार
व बुर्ज मिट्टी के बने होते थे-लेकिन इस पर अपवाद -सुरकोटदा में पत्थर की
रक्षा दीवार है।
28.
ईटो की जुड़ाई में गीली
मिट्टी का ज्यादा प्रयोग किया जाता था- जिप्सम का प्रयोग नालियो में किया जाता था,
-बिटुमिन का प्रयोग मोहन जोदडो के वृहत स्नानागार में किया जाता था।
29.
कुछ जगहो में चूना मिट्टी
का भी प्रयोग हुआ है।
30.
यहा ईटो से बने स्तंभ
प्राप्त हुए है ये स्तम्भ वर्गाकार और आयाताकार के बने होते थे।
31.
मोसापोटामिया में स्तंभ
वृत्तकार बने हुए है।
32.
भारत में बडे नगर स्थल है
33.
राखीगढ़ी-हरियाणा-घग्गर
नदी के किनारे भारत में स्थित है।
34.
धौलावीरा-गुजरात में लूनी
नदी पर स्थित है ये भी भारत में स्थित है-धौलावीरा का शब्दिक अर्थ-सफेद कुआ।
35.
कालीबंगा -राजस्थान में
है घग्गर नदी पर स्थित है यह स्थल भी भारत में स्थित है।
36.
बणावली -हरियाणा में है
घग्गर नदी पर स्थित है यह स्थल भी भारत में स्थिती है।
37.
लोथल -गुजरात में है। यह
भोगवा नदी के तट पर स्थित है ।यह स्थल भी भारत में स्थित है।
38.
इसके अलावा कुछ अन्य नगर
जो भारत में स्थित है-
39.
माण्डा -चेनाब नदी पर
स्थित है जम्मू कश्मीर में स्थित है।
40.
सुरकोटदा-कच्छ नदी पर
स्थित है गुजरात मे।
41.
रोपड़ यह सतलज नदी पर
है-पंजाब में।
42.
दैमाबाद -यह प्रवार नदी
पर है-महाराष्ट्र में।
43.
आलमगिर पुर -यह उत्तर
प्रदेश हिण्डन नदी पर स्थित है।
44.
रंगपुर यह भादर नदी पर गुजरात मे स्थित है।
सिन्धु सभ्यता अपनी समकालीन सभ्यताओ में सबसे बड़ी सभ्यता थी-
इसकी समकालीन सभ्यताये -
·
मोसोपोटामिया
की सभ्यता (इराक,इसका विकास दजला व
फरात नदी घाटी पर हुआ है)।
· दूसरी समकालीन सभ्यता है-चीन
की सभ्यता (चीन, हांव्ग हो/येलो नदी घाटी पर इसका विकास हुआ है)
· तीसरी मिश्र की
सभ्यता -(मिश्र ,इस सभ्यता का विकास -नील नदी घाटी में हुआ है।
सिन्धु सभ्यता की धार्मिक
भावना द्विदेवमूलक थी-जिसमे देवी (मातृदेवी) और देव (पशुपति देव) होते थे।
सिन्धु सभ्यता की बस्तियो के चार प्रकार मिलते है-
जो इस प्रकार है-
·
राजधानी नगर जिसमें
-हडप्पा (पंजाब) और मोहन जोदड़ो (सिंध) ये नगर प्रशासनिक ,धार्मिक और व्यापारिक
क्रिया कलापो के केन्द्र थे।
·
बंदरगाह नगर-सुत्कांगेडोर व बालाकोट (बलुचिस्तान) ,अल्लाहदीनो (सिंधु) ,लाथल व कुन्तासी(गुजरात में थे।)
·
सीमान्त
चैकिया-शोर्तुगाई (अफगानिस्तान) शाही टुम्प (बलुचिस्तान) में है।
·
ग्राम -इसकी
जानकारी का अभाव है।
·
पुरातात्विक
साक्ष्य के आधार पर विद्वानो ने सिधु सभ्यता को नगरीय सभ्यता का नाम दिया
है।
·
सिधु सभ्यता के
नगरो की पद्धति जाल पद्धति के आधार पर किया गया है-इसे ग्रीड सिस्टम भी कहते है।
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